000 | 03112nam a22001817a 4500 | ||
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005 | 20250303124740.0 | ||
008 | 240223b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789380839165 | ||
040 | _cNational Institute of Technology Goa | ||
100 | _aShivastava, Surendra | ||
245 | _aFootball : khel aur niyam | ||
250 | _a1st | ||
260 |
_aDelhi: _b Esskay Enterprises, _c 2022 |
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300 |
_b122p.: 8x10x1; Hard cover _c _e |
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520 | _aकिताब के बारे में: कोई भी खेल आज मात्र खेल नहीं रह गया है। खेल को भी कॉरियर बनाकर धन और कीर्ति अर्जित की जा सकती है। भारत में अनेक खेल प्रचलित हैं। उनमें फुटबॉल भी एक है। फुटबॉल का सबसे अधिक विकास इंग्लैंड में हुआ। फुटबॉल का प्रथम क्लब ‘शेफील्ड फुटबॉल क्लब’ सन् 1857 में इंग्लैंड में स्थापित हुआ। सन् 1863 में ‘लंदन फुटबॉल एसोसिएशन’ की स्थापना हुई। भारत में फुटबॉल का प्रारंभ अंग्रेजों ने किया था। सन् 1948 में लंदन ओलंपिक में भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में फुटबॉल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लिया। फुटबॉल का जुनून खेल-प्रेमियों में देखने को मिलता है। जब इसके वर्ल्ड टूर्नामेंट होते हैं तो टीमें तो टीमें, इसके समर्थकों के भी हौसले आसमान छू रहे होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में फुटबॉल खेल के नियम, तैयारी तथा बुनियादी तथ्यों की सचित्र जानकारी दी गई है, जो खेल-प्रेमियों और फुटबॉल में रुचि रखनेवालों को समान रूप से उपयोगी प्रतीत होगी। फ्रीलांस लेखक, जिनकी विविध विषयों पर दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। खेलों में विशेष रुचि ने खेलों पर केंद्रित इन प्रामाणिक पुस्तकों के लेखन का मार्ग प्रशस्त किया। | ||
650 |
_2Hindi _aHindi; Sport |
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