000 | 02573nam a22001817a 4500 | ||
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008 | 240219b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789355211675 | ||
040 | _cNational Institute of Technology Goa | ||
082 |
_a923.254 _bKOT/ATA |
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100 | _aKothari, Atul | ||
245 | _aAtal Bihari Vajpayee shiksha samvaad | ||
260 |
_aNew Delhi: _b Prabhat Prakashan Pvt. Ltd., _c 2022 |
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300 |
_b112p.: 8x10x1; Hard cover _c _e |
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520 | _aकिताब के बारे में: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वह भारतवासियों के हृदय में एक राष्ट्रवादी चिंतक, प्रखर वक्ता और साहित्यानुरागी राजनेता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन्होंने अपने दीर्घकालिक राजनीतिक जीवन में भारतीय समाज और संस्कृति के बारे में गहन चिंतन किया है। उनकी राजनीतिक दृष्टि में भारतीयता रची-बसी हुई है। उनकी चिंतन-दृष्टि आज भी हमारे लिए मार्गदर्शन का कार्य करती है। इस पुस्तक में आदरणीय अटलजी के शिक्षा विषयक विचारों को संकलित कर प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक हमें अटलजी के विचारों के माध्यम से समकालीन संदर्भों में शिक्षा के अर्थ, लक्ष्य, स्वरूप एवं भविष्य को समझने में सहयोग करती है। अटलजी के शिक्षा संबंधित विचारों में उनका लोकचिंतक रूप, समावेशी दृष्टि और भारत के उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पना परिलक्षित होती है। | ||
650 |
_2Hindi _aHindi; Biblography: Atal Bihari Vajpayee |
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942 |
_2ddc _cBK _n0 |
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999 |
_c4963 _d4963 |