000 | 03302nam a22001937a 4500 | ||
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008 | 240216b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789352660162 | ||
040 | _cNational Institute of Technology Goa | ||
082 |
_a923.254 _bTIW/HAM |
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100 | _aTiwari, Arun Kumar | ||
245 | _a Hamare Path Pradarshak: A.P.J. Abdul Kalam | ||
250 | _a1st | ||
260 |
_aNew Delhi: _b Prabhat Prakashan Pvt. Ltd., _c 2017 |
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300 | _b178p.: 8x10x1; Hard cover | ||
520 | _aकिताब के बारे में: मैं क्या हूँ और क्या बन सकता हूँ? वे कौन लोग थे जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपना-अपना विशिष्ट योगदान देकर मानव जाति की उत्कृष्ट सेवा की? कैसे मैं इस मायावी संसार में दिग्भ्रमित हुए बिना अग्रसर हो सकता हूँ? कैसे मैं दैनिक जीवन में होनेवाले तनाव पर काबू पा सकता हूँ? ऐसे अनेक प्रश्न छात्र तथा विभिन्न व्यवसायों से जुड़ी युवाशक्ति भारत के दूरदर्शी राष्ट्रपति से उनकी यात्राओं में अकसर पूछते हैं। राष्ट्रपति डॉ. कलाम की यह नवीनतम कृति ‘हमारे पथ-प्रदर्शक’ इन सभी प्रश्नों का उत्तर बखूबी देती है। छात्रों एवं युवाओं हेतु प्रेरणा की स्रोत महान् विभूतियों के कृतित्व का भावपूर्ण वर्णन। कैसे वे महान् बने और वे कौन से कारक एवं तथ्य थे जिन्होंने उन्हें महान् बनाया। अभी तक पाठकों को राष्ट्रपति डॉ. कलाम के वैज्ञानिक स्वरूप एवं प्रगतिशील चिंतन की ही जानकारी रही है, जो उनके महान् व्यक्तित्व का एक पक्ष रहा है। उनके व्यक्तित्व का दूसरा प्रबल पक्ष उनका आध्यात्मिक चिंतन है। प्रस्तुत पुस्तक में डॉ. कलाम की आध्यात्मिक चिंतन-प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन है। यह पुस्तक प्रत्येक भारतीय को प्रेरित कर मानवता का मार्ग प्रशस्त करेगी, ऐसा विश्वास है। | ||
650 | _2Hindi | ||
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