केन्द्रीय ग्रन्थालय | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान गोवा

Central Library | National Institute of Technology Goa
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Bhartiya vigyan avem prodyogiki ka itihas

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi: New Concepts Publishers, 2023Edition: 1stDescription: 210p.: 8x10x1; Hard coverISBN:
  • 9789392729102
Subject(s): DDC classification:
  • 609.54  SIN/BHA
Summary: किताब के बारे में: समाज में विज्ञान और तकनीकी वाद.विवाद का विषय बन गए हैं। एक तरफ तो यह आधुनिक जीवन के लिए आवश्यक हैए जहाँ अन्य देश तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहे हैंए वहीं यह अन्य देशों के लिए भी आवश्यक हो जाता है किए वे भी इसी तरह से भविष्य में सुरक्षा के लिए ताकतवर और अच्छी तरह से विकसित होने के लिए निरंतर वैज्ञानिक विकास करते रहे। ये विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही हैए जिन्होंने अन्य कमजोर देशों को भी विकसित और ताकतवर बनने में मदद की है। मानवता के भले के लिए और जीवन के सुधार के लिए हमें हमेशा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद लेनी होगी। यदि हम तकनीकों की मदद नहीं लेतेय जैसे. कम्प्यूटरए इंटरनेटए बिजलीए आदि तो हम भविष्य में कभी भी आर्थिक रुप से मजबूत नहीं होंगे और हमेशा पिछड़े हुए ही रहेंगे यहाँ तक कि इसके बिना हम आज के इस प्रतियोगी और तकनीकी संसार में जीवित भी नहीं रह सकते हैं।
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Books Books Central Library NIT Goa General stacks 609.54 SIN (Browse shelf(Opens below)) Available 10090

किताब के बारे में: समाज में विज्ञान और तकनीकी वाद.विवाद का विषय बन गए हैं। एक तरफ तो यह आधुनिक जीवन के लिए आवश्यक हैए जहाँ अन्य देश तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहे हैंए वहीं यह अन्य देशों के लिए भी आवश्यक हो जाता है किए वे भी इसी तरह से भविष्य में सुरक्षा के लिए ताकतवर और अच्छी तरह से विकसित होने के लिए निरंतर वैज्ञानिक विकास करते रहे। ये विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही हैए जिन्होंने अन्य कमजोर देशों को भी विकसित और ताकतवर बनने में मदद की है। मानवता के भले के लिए और जीवन के सुधार के लिए हमें हमेशा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद लेनी होगी। यदि हम तकनीकों की मदद नहीं लेतेय जैसे. कम्प्यूटरए इंटरनेटए बिजलीए आदि तो हम भविष्य में कभी भी आर्थिक रुप से मजबूत नहीं होंगे और हमेशा पिछड़े हुए ही रहेंगे यहाँ तक कि इसके बिना हम आज के इस प्रतियोगी और तकनीकी संसार में जीवित भी नहीं रह सकते हैं।

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