Vyavharik patra-lekhan kala
Material type:
- 9788192850825
- 491.435 SIN/VYA
Item type | Current library | Call number | Status | Barcode | |
---|---|---|---|---|---|
![]() |
Central Library NIT Goa General stacks | 491.435 SIN/VYA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 10071 |
किताब के बारे में: पत्र-लेखन कला पत्रों का मानव-जीवन से सीधा संबंध है। शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो, जिसे जीवन में कभी पत्र लिखने की आवश्यकता न पड़ी हो। अगर किसी को पत्र लिखने का अवसर न मिला हो तो प्राप्त करने का तो अवश्य ही मौका मिला होगा। आम आदमी के बीच आज के इलेक्ट्रॉनिक साधनों के कारण पत्र भले ही अति महत्त्वपूर्ण नहीं रह गया हो, लेकिन सरकारी कार्यालयों में आज भी इसकी आवश्यकता ज्यों-की-त्यों बनी हुई है, बल्कि और बढ़ गई है।
There are no comments on this title.
Log in to your account to post a comment.