Vardaan
Material type:
- 9788119086115
- 891.433 PRE/VAR
Item type | Current library | Call number | Status | Barcode | |
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Central Library NIT Goa General stacks | 891.43 PRE (Browse shelf(Opens below)) | Available | 10056 | |
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Central Library NIT Goa General stacks | 891.43 PRE (Browse shelf(Opens below)) | Available | 9981 |
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823.92 TAG/GIT Gitanjali | 891.43 GAU 10 mahan vyaktiyon ke 100 mahan vichar | 891.43 KUS Sanskriti se nikalati rahen | 891.43 PRE Vardaan | 891.43 PRE Vardaan | 891.431 DIV Dinkar kaise kare ujala | 891.431 GHU Safar kavita sangrah |
किताब के बारे में: वरदान - प्रेमचंद द्वारा लिखी एक प्रेम कथा है। प्रेमचंद जी ने अपने इस उपन्यास में दो प्रेमियों की दुखांत कथा है और उन दो प्रेमियों के माध्यम से प्रेम की सही परिभाषा को जाहिर किया है। साथ ही प्रेम के हर पहलू को अपने इस कथा के पात्रों के माध्यम से समझाने का प्रयत्न किया है। 'वरदान' में प्रताप नायक है, जो दीन दुखियों रोगियों दलितों का बिना किसी स्वार्थ के मदद करते है और विरजन के साथ प्रेम के मोहपाश में बंध कर अपनी भावी जिंदगी की कोमल और खुशियों से भरी हुई कल्पनाएं करते है। लेकिन उनकी यह कल्पना सच्चाई नहीं बन पाती है और विरजन का कमलाचरण से अनमेल विवाह हो जाता है। प्रेमचंद जी ने अपने इस उपन्यास में प्रेम जीवन में आई हर स्थितियों की कहानी को बहुत बारीकी से निरीक्षण कर उसे अपने इस उपन्यास में व्यक्त किया है।
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