Atal Bihari Vajpayee shiksha samvaad
Kothari, Atul
Atal Bihari Vajpayee shiksha samvaad - New Delhi: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd., 2022 - 112p.: 8x10x1; Hard cover
किताब के बारे में: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वह भारतवासियों के हृदय में एक राष्ट्रवादी चिंतक, प्रखर वक्ता और साहित्यानुरागी राजनेता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन्होंने अपने दीर्घकालिक राजनीतिक जीवन में भारतीय समाज और संस्कृति के बारे में गहन चिंतन किया है। उनकी राजनीतिक दृष्टि में भारतीयता रची-बसी हुई है। उनकी चिंतन-दृष्टि आज भी हमारे लिए मार्गदर्शन का कार्य करती है। इस पुस्तक में आदरणीय अटलजी के शिक्षा विषयक विचारों को संकलित कर प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक हमें अटलजी के विचारों के माध्यम से समकालीन संदर्भों में शिक्षा के अर्थ, लक्ष्य, स्वरूप एवं भविष्य को समझने में सहयोग करती है। अटलजी के शिक्षा संबंधित विचारों में उनका लोकचिंतक रूप, समावेशी दृष्टि और भारत के उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पना परिलक्षित होती है।
9789355211675
Hindi; Biblography: Atal Bihari Vajpayee
923.254 / KOT/ATA
Atal Bihari Vajpayee shiksha samvaad - New Delhi: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd., 2022 - 112p.: 8x10x1; Hard cover
किताब के बारे में: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वह भारतवासियों के हृदय में एक राष्ट्रवादी चिंतक, प्रखर वक्ता और साहित्यानुरागी राजनेता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन्होंने अपने दीर्घकालिक राजनीतिक जीवन में भारतीय समाज और संस्कृति के बारे में गहन चिंतन किया है। उनकी राजनीतिक दृष्टि में भारतीयता रची-बसी हुई है। उनकी चिंतन-दृष्टि आज भी हमारे लिए मार्गदर्शन का कार्य करती है। इस पुस्तक में आदरणीय अटलजी के शिक्षा विषयक विचारों को संकलित कर प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक हमें अटलजी के विचारों के माध्यम से समकालीन संदर्भों में शिक्षा के अर्थ, लक्ष्य, स्वरूप एवं भविष्य को समझने में सहयोग करती है। अटलजी के शिक्षा संबंधित विचारों में उनका लोकचिंतक रूप, समावेशी दृष्टि और भारत के उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पना परिलक्षित होती है।
9789355211675
Hindi; Biblography: Atal Bihari Vajpayee
923.254 / KOT/ATA