केन्द्रीय ग्रन्थालय | राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान गोवा

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10 mahan vyaktiyon ke 100 mahan vichar

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi: Prabhat Prakashan Pvt. Ltd, 2021Edition: 1stDescription: 168p.: 8x10x1; Paper backISBN:
  • 9789390378708
Subject(s): DDC classification:
  • 891.43  GAU/MAH
Summary: किताब के बारे में: यह पुस्तक अपने कर्म, वाणी, व्यवहार, दूरदर्शिता, सामाजिकता और राष्ट्रभाव से संपूर्ण समाज को प्रेरित करनेवाली महान् विभूतियों के अनुकरणीय जीवन का वह प्रकाशपुंज है, जो हर पाठक के जीवन पथ को आलोकित करेगा। समाज, साहित्य, विज्ञान, खेल, राजनीति, सेना आदि क्षेत्रों के मूर्धन्य और अग्रणी महानुभाव—महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव आंबेडकर, अल्बर्ट आइंस्टीन, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने अपने प्रभावी व्यक्तित्व से न केवल अपने क्षेत्र में प्रभावी उपस्थिति दर्ज की, वरन् समाज के सभी घटकों में उनके योगदान को सराहा गया। प्रस्तुत पुस्तक ऐसे ही कुछ राष्ट्रनायकों के विचारों से चुने हुए शब्दरत्न हैं—हमारा व्यक्तित्व ही हमारी सबसे बड़ी पहचान है; ईमानदार व्यक्ति अपने पीछे इतिहास छोड़ जाता है; सादा जीवन, उचज्ञ विचार; फलदार वृक्ष हमेशा झुका रहता है; समय की पाबंदी हमें उसका सदुपयोग करना सिखाती है। गागर में सागर है यह पुस्तक। आप इसे कभी भी कहीं से भी पढ़ सकते हैं।
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Books Books Central Library NIT Goa General stacks 891.43 GAU (Browse shelf(Opens below)) Available 10081

किताब के बारे में: यह पुस्तक अपने कर्म, वाणी, व्यवहार, दूरदर्शिता, सामाजिकता और राष्ट्रभाव से संपूर्ण समाज को प्रेरित करनेवाली महान् विभूतियों के अनुकरणीय जीवन का वह प्रकाशपुंज है, जो हर पाठक के जीवन पथ को आलोकित करेगा।
समाज, साहित्य, विज्ञान, खेल, राजनीति, सेना आदि क्षेत्रों के मूर्धन्य और अग्रणी महानुभाव—महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव आंबेडकर, अल्बर्ट आइंस्टीन, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने अपने प्रभावी व्यक्तित्व से न केवल अपने क्षेत्र में प्रभावी उपस्थिति दर्ज की, वरन् समाज के सभी घटकों में उनके योगदान को सराहा गया। प्रस्तुत पुस्तक ऐसे ही कुछ राष्ट्रनायकों के विचारों से चुने हुए शब्दरत्न हैं—हमारा व्यक्तित्व ही हमारी सबसे बड़ी पहचान है; ईमानदार व्यक्ति अपने पीछे इतिहास छोड़ जाता है; सादा जीवन, उचज्ञ विचार; फलदार वृक्ष हमेशा झुका रहता है; समय की पाबंदी हमें उसका सदुपयोग करना सिखाती है।
गागर में सागर है यह पुस्तक। आप इसे कभी भी कहीं से भी पढ़ सकते हैं।

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